Message From Principal
सभ्यता के आरंभिक काल से ही समाज के विकास में शिक्षा का उल्लेखनीय योगदान रहा है उसका मूल उद्देश्य व्यक्ति में मानवीय गुणों के विकास के साथ समाज में श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण करना है आज के समय में सामाजिक उपादेयता को नागरिक की उन योग्यताओं से जोड़कर देखा जाता है जिनके चलते वह अर्थ उपार्जन और जीविका उपार्जन प्राप्ति में भी सक्षम हो सके। इसी दृष्टि से हमारी सरकारें भी रोजगार परक शिक्षा पर बल दे रही हैं तथा नई शिक्षा नीति में भी इस ओर विशेष ध्यान दिया गया है।
हम मानते हैं कि विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य के निर्माता होते है। देश के विकास रूपी रथ के वाहक हमारे आज के विद्यार्थी ही हैं। जिस देश के विद्यार्थी शारीरिक तथा मानसिक रूप से जितने मजबूत होंगे उस देश का विकास भविष्य में उतनी ही तीव्र गति से होगा।
हम अपना उद्देश्य तब पूरा मानेगे जब हमारा विद्यार्थी पढ़ लिखकर एक आदर्श नागरिक बनें और देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाए।
मुझे विश्वास है कि हमारे विद्यार्थी आगे चलकर देश के सभ्य नागरिक बनेंगे व अनेक कौशलो से परिपूर्ण होंगे। देश और समाज के विकास में अपना यथासंभव सक्रिय योगदान देंगे और अपने मानव जीवन को सफल बनाएंगे।
हम मानते हैं कि विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य के निर्माता होते है। देश के विकास रूपी रथ के वाहक हमारे आज के विद्यार्थी ही हैं। जिस देश के विद्यार्थी शारीरिक तथा मानसिक रूप से जितने मजबूत होंगे उस देश का विकास भविष्य में उतनी ही तीव्र गति से होगा।
हम अपना उद्देश्य तब पूरा मानेगे जब हमारा विद्यार्थी पढ़ लिखकर एक आदर्श नागरिक बनें और देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाए।
मुझे विश्वास है कि हमारे विद्यार्थी आगे चलकर देश के सभ्य नागरिक बनेंगे व अनेक कौशलो से परिपूर्ण होंगे। देश और समाज के विकास में अपना यथासंभव सक्रिय योगदान देंगे और अपने मानव जीवन को सफल बनाएंगे।